सुनो एक बात सुनानी है जो थोडी सी पुरानी है पहली बार मिले थे जब कि कहानी है वो हसना गाना खेल खिलाना वो आँख मिचौली की अपनी कहानी है जो बाग पुष्प के उपवन मे उडे तितली प्यारी है मोसम भी है सुहाना बारिश भी आ रही है सुनो ईक बात बतानी है ये मोसम की शैतानी है कही हवाऔ मे रूनझून है कही फिजाऔ मे खुमारी है कही फूल भी लहराते है कही लताएँ भी ईठलाती है कही शोर मे नटखट हंसी क्यो गुम सी हो जाती है एक तुम्हारी चंचलता है तो भोले दिल को भाती है कितना आनंद उस पल मे जब जल अटखेली करता हो जल से ये बाते कुछ रोज पुरानी है सुनो आदते तुम्हारी भी थोडी सी शैतानी है