रोशनी ............... दिल मैं रोशनी की किरण जलाई रखी है ! कुछ सपने बचायी रखी है ! नहीं कट सकते मेरे पंख क्योंकी...? उम्मीदों की रोशनी जलाई रखी है चलूँगी अकेले सपनो की रहो पर नहीं साथ चाहिए झूठ के बुनियादो पर दिल मैं अड़ंगा है पाने का जंग है मैं कुछ ऐसी कर जाऊँ गी ये ही तो मेरी जंग है जब तक जलती रोशनी मेरी जिंदगी मैं है ये ही तो मेरी खुद की शान है एक रौशनी