कहते हैं कि पाप से नफरत करो पापी से नहीं, बुराई से नफरत करो बुरे से नहीं, मगर समाज हीन भावना से देखता है पापी को बल्कि ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जिसने पाप ना किया हो.... अपनी पूरी जिंदगी की जर्नी में कभी कोई झूठ बोलता है। कोई धोखा देता है.. कोई भ्रष्टाचार करता है..कोई अपने शब्दों से किसी के हृदय आहत करता है.. कोई किसी का अपमान करता है.... और यहां दौड़ चलती है कम ज्यादा की... फलाने व्यक्ति से मैंने तो कम झूठ बोला है कम पाप किया है।