अभी चंद घण्टे पहले ही तो बाबा के संग बैठी थी चार जनो के बीच अपनी बोली बोली थी साथ चार भाइयो के संग कंचे खेली थी माँ के संग खेतो में हाँथ बंटाने आई थी चार जनों ने घेर मुझे मेरी लाज चुराई थी तड़प रही थी मिट्टी में पड़ी२जुबां से बोल न पाई थी न्याय मांगने गई थी माँ थाने के असफर के पास रपट लिखेगे नही ऊची जाति के अत्याचारी है उनके खास अस्पतालों में पड़े पड़े जीवन त्याग मृत्यु को गले लगाया जिस माटी में मेरी लाज लूटी मुझसे न वहां जाएगा जाया हां जाते जाते न्याय माँगती हूं रामराज्य के रखवालो से ग़र न दे पाए न्याय मुझे राम घिरोगे तुम मेरे सवालों से क्यू भेजा इस धरती में इन हैवानों शैतानों के बीच कभी लुटती बेटी निर्भया,मनीषा,आदि बसों खेतो के बीच जिस बेटी को बड़ा किया माँ बाबा ने अपने प्यार से सींच पल भर में लाज लूट ,दरिंदो ने लेली उसकी जान खींच सत्ता में बैठे कर्मयोगी राज मंत्री सब गुगे अंधे है चौथा स्तंभ के दरबारी सेवक के खूंटे से बंधे है सवाल छोड़ के जा रही हूं हर उस राजा के दरबारी से बिना न्याय दिलाये मुझको कैसे नजर मिलाओगे नारी से। ©अभिषेक क्षितिज #Stoprape #नोजोयोहिन्दी #नोजोटो #Nojoto #nojotohindi #nojotohindi #Nojoto