कुछ नज़्म थे हमारे, जो अब पुराने हो गए हैं ! जिंदगी की हकीकत भी मेरी, लोगों के लिए फ़साने हो गए हैं !! वक्त कुछ यूँ था की हम रोते भी थे, तो लोगों को हँसी आती थी ! अब तो मुझे अपने आँशुओ को मारे भी, ज़माने हो गए हैं !!!! #nazm #fasane #aansu #Parikshit singh