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गुमगश्ता मुकद्दर से लड़ता फिरता था मारा मारा। कई

गुमगश्ता 

मुकद्दर से लड़ता फिरता था मारा मारा।
कई रातें हमने गुमगश्ता है यहां गुजारा।
बीनता रहा हर टुकड़ों में अपने वजूद को,
तब चमका है अपने तकदीर का सितारा।

अम्बिका मल्लिक ✍️

©Ambika Mallik
  #गुमगश्ता  कवि संतोष बड़कुर Anshu writer Bhavana kmishra Babli BhatiBaisla वंदना ....  @gyanendra pandey Sethi Ji Riya Kirti Pandey Poonam Awasthi  Anil Ray Mohan raj MIND-TALK Umme Habiba Rihan saifi