“इंतज़ार की आस” हर वक्त उनके आने की आस रहती है उनसे मिलने की दिल में प्यास रहती है सब श्रृंगार कर बैठी तेरे आने के इंतज़ार में पास तुम नहीं तो ज़िन्दगी उदास रहती है हर श्रृंगार तेरी मौजूदगी का मोहताज़ रहती है तेरे बैगर ये ज़िन्दगी मुझे बेरंग सी लगती है इंतज़ार की आरज़ू मेरे दिल में बसी रहती है शाम–ओ–सहर तेरे इंतज़ार में मेरी हर घड़ी रहती है माथे में सजे है बिंदिया और सिंदूर लाल गजरे से महक आ रही है चेहरे पर आकर तुम देखो तेरे प्यार की चमक दमक रही है हाथों में खनकती चूड़ियांँ रुनझुन रुनझुन पायल बज रही है अब तेरी मोहब्बत की खुमारी में दिल की धड़कनें सुनाई दे रही हैं तेरे एक आने की उम्मीद में होठों पर मुस्कान सजा रखी है अब कभी कभी ये वक्त भी साली बेवफ़ा सी लगने लगी है मुझे अब तन्हाई खामोशियों की आदत सी हो गयी है मुद्दतों गए बीत तेरे यादों के सहारे ज़िन्दगी कट रही है अपने मोहब्बत पर जो घमंड कर लिया है टूटने ना दो अब मेरे इस भरम को अपने किये वादे को तुम ना झुठलाओ आकर मेरे दिल के तड़प को देख जाओ आँखों में नमी होठों पर हँसी ये मोहब्बत भी क्या चीज़ है यारों भेज रही हूंँ अपने मोहब्बत का ख़ूबसूरत पैगाम आज़ मैं तुमको #rztask522 #restzone #rzलेखकसमूह #collabwithrestzone #तस्वीरविश्लेषण #unique_upama #yqdidi #rzwriteshindi