कैसे बुरा कहूं मैं उसको, जिसने भगिनी खातिर ही तो, खुद का नाश कराया था। कैसे दुष्ट कहूं मैं उसको जिसने भार्या खातिर ही तो, नही पर नारी को हाथ लगाया था। कैसे दनुज कहूं मैं उसको जिसने प्रजा खातिर ही तो अपनों को बलि चढ़ाया था। कैसे अशुभ कहूं मैं उसको, जिसने देश के खातिर ही तो, खुद का शीश कटाया था। ©Amar'Arman' Baghauli hardoi UP #Dussehra2021 #amararman #amarsahitya #chitralekha2 #chitralekhaekmuqaddaspremkahani #lakshyaarman #amarbaghauli #baghaulikavi