मानव और प्रकृति में फिर, छिड़ा संग्राम है। आज की चल रही परिस्थिति, का न जाने कहां विराम। सुरक्षित वही जो चारदीवारी में, कर रहा विश्राम है राजमणि सिंह (सागर)✍️ #Rajmani Singh