ना कर किसी बात का गुमान प्रकृति के कण-कण में बसता हूं कभी मुझसे मिलना हो तो आ जाना मिलूंगा शिखर और श्मशान Jivan mrutyu ka fair ©Amit Saini #पॉजिटिव जिंदगी #नेगेटिव मृत्यु #जय महाकाल