नजरें झुके तो तुम्हारी भक्ति हो जाये सिर झुके तो तुम्हारे चरण-कमल की धूलि माथे मेरे लग जाये, दीवानी हूँ तुम्हारी साँवरे बस एक इशारा मिले तुम्हारा तो खाटू दौड़ी चली आऊँ, न लगे दिल मेरा कहीं बस तुम्हारें गीतों में ही डूबी रहूँ भूलाकर ज़माना सारा, दीवारों में तो कभी खुले आसमां में तलाशती छवि तुम्हारी मेरी ये आँखें,कैसे समझाऊँ इस छलिये दिल को..?बस हर पल ये श्री श्याम श्री श्याम ही पुकारे, होठों की मुस्कुराहट मेरी जितनी भी मिली तुम्हारी कृपा से है,वरना सूनी ज़िन्दगी में मेरी तकदीर इतनी अच्छी कहाँ..? ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1024 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।