धीमा धीमा सा ये वक्त ठहरा गुमनामी का चेहरा लिये मैं हर तरफ दोडा चारो तरफ मंजर मिला मुझे नादानी का जमाने की आदत जो ठहरी ठुकराने की धीमा धीमा सा ये वक्त ठहरा