वो रास्ता, चलते-चलते शायद, जिस पर मैं चल पड़ा था, साथ थक गया था, अपना सा लगता था, सवाल इतने सारे, मिला मुझसे जो, करने लग गया था.. वो चल पड़ा मेरे संग, हाथ में हाथ थामे, पाँव पे छाले पड़ गए थे, सफ़र कट रहा था.. घाव गहरे लग रहे थे, अपना जो था वो चुभ रहा था, जाना कहाँ किसे पता, सफ़र अब भी कट रहा था, बस चल पड़ा, मगर खटक रहा था, जिस ओर जाये रास्ता, वो रास्ता, सुहाना सा लग रहा था.. जो अपना सा लगता था, जिस पर मैं चल पड़ा था, शायद मेरा न था .... वो रास्ता, मेरा न था। #वोरास्ता #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #poetryflashes #vineetvicky #nanowrimo2020 #encoreekkhwab