जब जाने को थी जा उनकी लबों पर मुस्कुराहट थीं दिल में हिंदुस्तान की आजादी की आहट थीं आजादी की खुशबू को वो महसूस कर रहे थे वतन के नाम अपनी आखिरी सांसें कर चुके थे ऐसी ही नहीं वह हमको अलविदा कह गए जाते-जाते भी वो हमको सिखा कर गए जीना है तो हम शान से जियेंगे मरेंगे भी तो मिट्टी के अभिमान पर मरेंगे और जो काम ना आए यह जिंदगी वतन के ऐसी जिंदगी को हम जिंदगी ना कहेंगे ~KUMAR AMAN #bhagatsingh #23march #shaeed #shaeeddiwas #rajguru #sukhdev #poetryforshaeeddivas #tributetoshaeedheros #mypoetry #mythoughts