||•मया_के_इज़हार•|| अइसन मोला काबर देखथस, मोर जी हा सुगबुगावत हे । रात-दिन तोर चंदा कस चेहरा, मोर आंखी-आंखी म छावत हे ।। का मंतर तैं मारे रे गोरी, मोर करेजा हा छटपटावत हे । तोर आंखी नैना कटारी, तोर हिरनी कस चाल ह नचावत हे ।। अइसन मोला काबर देखथस, मोर जी हा सुगबुगावत हे । रात-दिन तोर चंदा कस चेहरा, मोर आंखी-आंखी म छावत से ।। पहली नजर म तोला देखेंव रे टुरा, तब ले जी हा हड़बड़ावत हस । मया तोर संग होगे लागथे, तभे तहूं छटपटावत हस ।। मया के गोठ गोठियाले टुरा, मोर ले काबर लुकावत हस । बिन फूल भौंरा नई रहाय, फेर तैं अतेक काबर लजावत हस ।। अइसनेच तोला देखहूं टुरा, मोरो जी हा छटपटावत हे । रात-दिन तोरेच सुरता म, मोर जी हा अधियावत हे ।। सिरतोन केहेस रे टुरी, महु ल अइसनेच लागत हे । बिन मया के पंछी परेवना, कदे जगत म रहात हे ।। आबे का दशराहा म, मया के इज़हार करहूं । सिरतोन कहात हों टुरी, तोला जिनगी के जम्मों सुख देहूं ।। तोर मया के बंधना म, का सिरतोन बांध डारे हस । मया के इज़हार करे बर , गांव म हांका परवा डारे हस ।। तैं खड़े रहिबे अगोरा म मोर, घर के तुंहर चौरा में रे । बुलावा भेजहूं तोला मंय, आबे पीछू-पीछू रे ।। ऐ मया के फूल हे गोरी, रखबे ऐला जतन के । भौंरा बन के खुसरे रहूं, तोर फूल कस हिरदे के तन म ।। ऐ फूल भले सुखा जाही, फेर हमर मया नई सुखावन देन । रिसा-रिसा के भले दिन कट जाही, फेर तकरार नई आवन देन ।। ==================================== ©DD POETRY #CG #छत्तीसगढ़_महासमुन्द #हमर #Cgsong #Chhattisgarh #raipur #Mayaru