भूल ----- भूल भी हो जाती कभी खुश रहने की चाह में। किन्तु बुरा मान जाए कोई तो बदलती है आह में।। कदाचित इस हृदय की बात को समझते। हम कभी भूल में भी नहीं हैं बहकते।। नहीं था उद्देश्य अपना किसी का दिल दुखाना। कदाचित तरीका नही था सही अपने विनोद को दिखाना।। न सोचना था अधिक हमें न होना था खुश अधिक। अपने जीवन में सुख नभचर पर बाण साधे है बधिक।। #भूल #भूलहुई #pain #painful #words #word #poem #life भूल ----- भूल भी हो जाती कभी खुश रहने की चाह में। किन्तु बुरा मान जाए कोई तो बदलती है आह में।।