गुनाह ज़हनों ज़िदत की साजिश में गुनाह किये फिर रहा हूं ना ही जी पा रहा हूं अच्छे से ना मर रहा हूं ना जानें मैं ये कैसा इश्क़ कर रहा हूं वो बुरा भी लगता है पर तारीफ भी कर रहा हूं अब किसी और को मुसल्लत करू भी तो क्या करू ख़ुद जो मैं मेरें घर के आईने की तौहीन कर रहा हूं अब तो तेरे नाम से ही सहम सा जाता हूं अहम-ए-दिल पहले था अब तो खुद्दार कहलाता हूं। #गुनाह#mirzya#इश्क़#ज़हन#ज़िदत#जीना#मरना#बुरा#तारीफ़#nojoto#nojotohindi#nojotoenglish#nojotourdu#nojotoaudio#nojotovideo#nojotokahaani#quotes#shayari#seher#risk#yaade#poetry#story#ज़ुल्म#शिकायत