मुझमे कितने राज है बतलाऊ क्या बंद एक मुद्दत से हूँ खुल जाऊं क्या अजिजी ,मिन्नत, खुशामद, इल्तिजा और मै क्या क्या करू मर जाऊं क्या राहत इंदौरी ©shailesh pandit #rahtindauri