फूलो की गुलाब से गपशप ऐ गुलाब क्या है तुझमे , जो मुझमे नही। तुझमे तो है कांटे की चुभन, फिर भी क्यो तू सबको पसन्द। मेरी खुशबू को वाह वाही तो मिलती है। मगर तेरे आते वो भी चली जाती है। जलते है हम तुझसे, तू है कई राज समेटे हुए। तू दर्द भी है , तू दबा भी , तू प्यार भरे अल्फाज़ो को खुद में लपेटे हुए। कभी खूबसूरत कदमो के नीचे लेटे हुए। तुझसे जलते है , लेकिन बेफिक्र है। किसी के दिल टूटने से बिखरते नही। कोई हमे पैरो से कुचलते नही। फूलो की गुलाब से गपशप ऐ गुलाब क्या है तुझमे , जो मुझमे नही। तुझमे तो है कांटे की चुभन, फिर भी क्यो तू सबको पसन्द। मेरी खुशबू को वाह वाही तो मिलती है। मगर तेरे आते वो भी चली जाती है।