यादों मेें ही सही, आजाती है तू मिलने मुझसे, यूँ मरहम हर ज़ख़्म पर मेरे हर निशान मेरे ज़ख़्म का देखा तेरी रूह पे, क्या यही बचा प्यार मेें तेरे मेरे ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :) ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की। ♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।