जिंदगी भी कमाल है ना, कभी खुशियों का मेला तो कभी गमों का उमड़ता हुआ सैलाब है... अगर जो उतर ना सके इस संघर्ष रूपी मैदान में, तो बह जाओगे जिंदगी की बाढ़ में... होसलों और उम्मीदों से ही, यह सफ़र पूरा होना होता है, कोई कितना ही करें अपने गमों को छुपाने का प्रयास... यह जिंदगी है "प्रियतम"... यहां "परेशानियों का डर" सबको होता है...! -प्रियतम ♥️ Challenge-570 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।