काहे बाड़ी हमसे अनराज हमार सजनी.. लुका के रखेली सब राज सजनी.. कईलू कइसन जादू टोना हमपे ए करेजा.. ना भावे हमके काम काज सजनी... गज़ब के रोग लागल कुछ समझे ना आवे... कईसे के होई अब ईलाज सजनी.. चाँद से सुन्दर तू सूरज से तेज बाडू.. जान मारे तोहर ई अंदाज़ सजनी.. बेजान देह बाटे की जान फूँक जा तु.. छोड़ के आव तु लोक-लाज सजनी... ©krishna Sharma #भोजपुरी #एक_छोटी_सी_कोशीश व@हिD️ saumya Jain Sabi Faqih