इश्क ताे इबादत का दुसरा नाम है ,ताे इबादत गलत कैसे हाे सकता है ।हां किसी पर जबरदस्ती अपना इश्क थाेपना गलत जरूर हाेता है।काेइ युवक या युवती हर किसी काे अपनी चाहत का निर्णय लेने का हक हाेता है।काेइ युवती अपने एकतरफा इश्क की वजह से अपने साथी पर याै़नाचार तक का आराेप लगाती है,वैसे ही युवक अपने साथी के ना कहने पर तेजाब फेंकने से भी बाज नही आते। इश्क मे ना सुनने की आदत भी डालनी चाहिए। क्याेकि ना का मतलब ना ही हाेता है। हर किसी की ज़िन्दगी में एक न एक बार ये एक तरफ़ा इश्क़ दस्तक ज़रूर देता है। इसकी दास्तान बड़ी अजीबो-ग़रीब होती है। #एकतरफ़ाइश्क़ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi