कभी कभी हम बात भी नहीं कर पाते फिर भी तुम खयालों में आते हो बात करने जितनी बार देखूँ तुम्हें प्यार होता हैं बस तुमसे चाहे मैं कितनी भी गुस्सा करू तुम्हें पर जान हो तुम मेरे आज मैं जीती हूँ सर उठा के क्यूँकि मेरी जान हैं आज देश सेवा मैं 🖋 परिस्मिता दास #solder