ऊंची ऊंची बस्तियों में बिल्लिओं को भी शेर समझा जाता है छोटे छोटे गाँवों में प्यार बांटने वालों को कुबेर समझा जाता है उसकी बस्ती की छांव में शब्दों को भी मुंडेर समझा जाता है मेरे छोटे से गांव में हर इक हँसी को भी सवेर समझा जाता है (विनीत राज कपूर) (in urban cities even words look like boundaries In small villages even smiles seem like sunrise) (in urban cities even words look like boundaries In small villages even smiles seem like sunrise) ऊंची ऊंची बस्तियों में बिल्लिओं को भी शेर समझा जाता है छोटे छोटे गाँवों में प्यार बांटने वालों को कुबेर समझा जाता है उसकी बस्ती की छांव में शब्दों को भी मुंडेर समझा जाता है मेरे छोटे से गांव में हर इक हँसी को भी सवेर समझा जाता है