ना पुछो की क्या,वो करे जा रहे है। अब किसी गैर पे,जो मरे जा रहे है।। सुनते नही अभी थे,जो बुराई मेरी। अब सुन रहे है ऐसे,वो भरे जा रहे है। अब किसी गैर पे,जो मरे जा रहे है।। चर्चा हमारी खुद ही,करते रहे सदा जो। अब नाम से भी मेरे,वो जरे जा रहे है। अब किसी गैर पे,जो मरे जा रहे है।। लगते रहे गले से,आनन्द के जो सदा। अब फ़र्क़ नही पड़ता,वो परे जा रहे है। अब किसी गैर पे,जो मरे जा रहे है।। ©Anand Singh Paliwal #Love #अब #किसी #गैर #पे #जो