राम सिया और लक्ष्मण को लेकर संग वनवास को जाते हैं। कैकई मंथरा खुश होती हैं और खुश होकर गीत खुशी के गाती है। राजा बनना था जिसको, अगले दिन था जिसका राज्य अभिषेक। पिता का प्रण पूरा करने के लिए राम ने बनाया वनवासी का भेष। छोड़ महलों का राजसी सुख वन वन में भटकना स्वीकार किया। त्यागे सारे वस्त्र और आभूषण संग पादुकाओं का भी त्याग किया। पतिव्रता धर्म निभाने के लिए जनक दुलारी भी राम के साथ चली। भाई भाभी की सेवा करने को लक्ष्मण भी उनके साथ हो लिए। व्याकुल हो रहे थे अयोध्या नगरी के सारे नर और सारी नारी सबके मन में यही चल रहा था कैसे इस घड़ी को जाए टाली। विधाता के लेख को कौन मिटाता जब विधाता ने ही लिख डाला था। रावण का वध भी होना था और रामायण भी तो करनी थी पूरी। -"Ek Soch" An alternative topic Thank u Disha Singha for this beautiful image... Just a random topic not a competition... #siyakeramji #siya #ram #yqbaba #yqdidi #yqquotes #myquote Time limit: till 10:00 pm tonight No word limit