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आगे अँधेरा सुनसान रास्ता था, हिम्मत कर हम आगे बढ़ें

आगे अँधेरा सुनसान रास्ता था, हिम्मत कर हम आगे बढ़ें और उस घटना का विस्मरण करू तो वो कुछ इस प्रकार है कि
उन लम्हों को याद करता हूं तो आज भी असाधारणत: मन बेचैन हो उठता है। 
वह घनी अमावस की रात थी,मै घर लौट रहा था ,वैसे भी उस दिन late हो गया था तो सोचा छोटे रास्ते से घर जल्दी पहुंच जाऊंगा और किया भी वही लेकीन मुझे नहीं पता था कि रास्ता इतना सुनसान होगा वो और कोई स्ट्रीट लाइट तक नहीं होगी! लेकिन क्या करू घर से फोन आ रहे थे जल्दी पहुंचने को तो मैं आगे बढ़ गया हाथ में एक छोटा सा मोबाइल टॉर्च लेकर।
भूत प्रेत पर कभी विश्वास तो नहीं करता था लेकिन अंधेरा इस कदर हावी हो रहा था कि बस अजीब आहटें ही सुनाई दे रही थीं जो मेरे रोंगटे खड़े करने के लिए काफी थीं। एकाएक आंखें चमकी तो मानो में डर के बेहोश ही हो जाता वो तो अच्छा हुआ की दिख गया की वो तो एक कुत्ते की आंखें थीं।
किसी तरह खुद पर विश्वास रखते हुए आगे बढ़ते गया ,रास्ता पार होते होते पसीने से भीग गया था लेकिन अंतत: कर लिया पार,और पता है कुछ अनोखा हुआ उस दिन के बाद और वो ये की 

" मैने अपने डर , जो कि अंधेरा और अकेलापन हुआ करता था उस पर जीत हासिल कर ली।"

 अब मुझे अंधेरे से डर नहीं लगता था मुझे अब एहसास हुआ कि इंसान का दिमाग जटिल है जैसा सोचो वहीं दिखता है नहीं तो हम इतने कमजोर नहीं है साथ ही समझ गया की डर से दूर भाग के जीत नहीं सकते बल्कि उससे भीड़ना होता है, उसे महसूस करना होता है। अब वो अंधेर सुनसान रास्ता डरता है मुझसे की कहीं उसका ये भेद ना खोल दूं जिससे लोगों को वह डराता है। #Andhera_sunsan_rasta #रोमांचक
#सीख #motivation #डर #हिम्मत #nojoto #nojotohindi #मानसिकता Priyanka Sharma S P "हुड्डन" HOLOCAUST Satya Prakash Upadhyay Somu wrrittes❤️
आगे अँधेरा सुनसान रास्ता था, हिम्मत कर हम आगे बढ़ें और उस घटना का विस्मरण करू तो वो कुछ इस प्रकार है कि
उन लम्हों को याद करता हूं तो आज भी असाधारणत: मन बेचैन हो उठता है। 
वह घनी अमावस की रात थी,मै घर लौट रहा था ,वैसे भी उस दिन late हो गया था तो सोचा छोटे रास्ते से घर जल्दी पहुंच जाऊंगा और किया भी वही लेकीन मुझे नहीं पता था कि रास्ता इतना सुनसान होगा वो और कोई स्ट्रीट लाइट तक नहीं होगी! लेकिन क्या करू घर से फोन आ रहे थे जल्दी पहुंचने को तो मैं आगे बढ़ गया हाथ में एक छोटा सा मोबाइल टॉर्च लेकर।
भूत प्रेत पर कभी विश्वास तो नहीं करता था लेकिन अंधेरा इस कदर हावी हो रहा था कि बस अजीब आहटें ही सुनाई दे रही थीं जो मेरे रोंगटे खड़े करने के लिए काफी थीं। एकाएक आंखें चमकी तो मानो में डर के बेहोश ही हो जाता वो तो अच्छा हुआ की दिख गया की वो तो एक कुत्ते की आंखें थीं।
किसी तरह खुद पर विश्वास रखते हुए आगे बढ़ते गया ,रास्ता पार होते होते पसीने से भीग गया था लेकिन अंतत: कर लिया पार,और पता है कुछ अनोखा हुआ उस दिन के बाद और वो ये की 

" मैने अपने डर , जो कि अंधेरा और अकेलापन हुआ करता था उस पर जीत हासिल कर ली।"

 अब मुझे अंधेरे से डर नहीं लगता था मुझे अब एहसास हुआ कि इंसान का दिमाग जटिल है जैसा सोचो वहीं दिखता है नहीं तो हम इतने कमजोर नहीं है साथ ही समझ गया की डर से दूर भाग के जीत नहीं सकते बल्कि उससे भीड़ना होता है, उसे महसूस करना होता है। अब वो अंधेर सुनसान रास्ता डरता है मुझसे की कहीं उसका ये भेद ना खोल दूं जिससे लोगों को वह डराता है। #Andhera_sunsan_rasta #रोमांचक
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