इसका तो प्रकाश भी सूरज से आता है; अँधेरे में खड़ा रहता है, कभी बादलो से भी ढक जाता है; आधे महीने बढ़ता, आधे महीने घटता जाता है, पता नही रात से कैसे वफ़ा निभाता है। शुभरात्रि लेखकों।😊 हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳