मुझे आँखें से नहीं दिल से पढ़ो अगर पढ़ो तो धूल हटाकर पढ़ो मेरे कुछ अल्फाज है अधूरे अधूरे से इनको अपनी बातों से पूरा करो यूं ही अकेले नहीं कट जाए जिंदगी सुनो मेरा हाथ पकड़ के चला करो