जिसमें सारे भाव बेक़ाबू होकर संग रहता एक धाम है । जिसमें हालात सारे ये आम है बुझकर भी सुलगती धूप की गर्मी सा, कैसा ये नदी और उसमें एक नाव है । OPEN FOR COLLAB✨ #ATइश्क़उसकविता • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics.