समेटने दे दर्दों को, इस दिल में सजाने के लिए। किस कदर चाहा तुझको, इन हवायों को खबर तो होने दे।। दूर ना कर गमों से मेरे, इस दिल को धड़कने की वजह होने दे।।। अभी रोना है बोहत इस दिल को मनाने के लिए।।।। है पार करना अभी उस गम के समंदर, अपने साये को पहचानने के लिए।।।।। जीयूँ साये में महरम के, ये खुदा इतनी तो दूया सुन ले ।।।।। खुशियां ना सही गम ही देदे जमाने के, इस दुनिया में अपना वजूद बनाने के लिए।।।। ।। #kavishala #Hindi #Kingkuldeeprajput #hearttouchy #lifelaws