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थककर अभी लौटा था घर शाम हुई अभी अभी पर माँ की बातो

थककर अभी लौटा था घर शाम हुई अभी अभी
पर माँ की बातों से लगता है जिंदगी की सुबह हुई अभी अभी

बैठा एक बुजुर्ग के पास फुर्सत में जो
लगा जैसे जिंदगी जीने का मौका है अभी अभी

यादें उसकी परेशान इस हद तक करती है
लगता है नजरों के सामने से गयी वो अभी अभी

तन्हाई मेहसूस नहीं होती आजकल
लगता है खुदसे हुईं हैं दोस्ती अभी अभी

खयाल खुद का ज्यादा रखने लगा हु मैं
तबीयत का अंदाज़ा हुआ है अभी अभी
 बैठा एक बुजुर्ग के पास फुर्सत में जो
लगा जैसे जिंदगी जीने का मौका है अभी अभी
#Thirdqoute #Shayari #Zindagi
थककर अभी लौटा था घर शाम हुई अभी अभी
पर माँ की बातों से लगता है जिंदगी की सुबह हुई अभी अभी

बैठा एक बुजुर्ग के पास फुर्सत में जो
लगा जैसे जिंदगी जीने का मौका है अभी अभी

यादें उसकी परेशान इस हद तक करती है
लगता है नजरों के सामने से गयी वो अभी अभी

तन्हाई मेहसूस नहीं होती आजकल
लगता है खुदसे हुईं हैं दोस्ती अभी अभी

खयाल खुद का ज्यादा रखने लगा हु मैं
तबीयत का अंदाज़ा हुआ है अभी अभी
 बैठा एक बुजुर्ग के पास फुर्सत में जो
लगा जैसे जिंदगी जीने का मौका है अभी अभी
#Thirdqoute #Shayari #Zindagi