अयि गिरि नन्दिनी नन्दिती मेदिनि, विश्व विनोदिनी नन्दिनुते। गिरिवर विन्ध्य शिरोधि निवासिनी, विष्णु विलासिनी जिष्णुनुते।। भगवति हे शितिकण्ठ कुटुम्बिनी, भूरि कुटुम्बिनी भूत कृते। जय जय हे महिषासुर मर्दिनी, रम्य कपर्दिनी शैलसुते।। ©Ritesh Shrivastava #navratrispecial #navratri #goddess #maa_kali #Devikali #Goddess_durga #GoddessLaxmi #LORD_GANESH