एक नयी शुरुआत, आख़िर कब तक लड़ते रहोगे आप मजहबी झगड़ो में, जात पात ऊँच नीच और अगड़ो पिछड़ों में। ये सब हैं बेकार की बाते, आओ अब करें प्यार की बातें, हम सब के लबों पर अम्नो अमाँ की बात होनी चाहिए.....!! अब कम से कम " एक नई शुरुआत होनी चाहिए"..!! (नूरगुल महताब ख़ाँ) ©Noorgul Mahtab Khan #Poem #poetry #NoorgulMahtab #nayishuruaat