कभी मिलो तुम ख्यालों में.. तुम्हें हक़ीक़त बताएंगे.. तेरी बेरुखी पे नाराज़गी जताएंगे, भूले जो तुम मुझको तो याद दिलाएंगे, तेरे संग रहने का वादा निभाएंगे, कभी मिलो तुम ख्यालों में.. तुम्हें हक़ीक़त बताएंगे.. कैसे तड़पे हैं,तुम्हारे लिए.. ये हस हस के बताएंगे कैसे होता हैं.. दिन को रात और रात को दिन.. इसका एहसास दिलाएंगे, कभी मिलो तुम ख्यालों में.. तुम्हें हक़ीक़त बताएंगे.. सजदा करेंगे तेरे सामने तो तुम्हें हसाएंगे, अपनी बेरुखी से... तुम्हें रुलाएंगे... जब तुमसे दूर जाएंगे..।।