अमन के नाम का दिया जलता है अभी मेरे यार से रोशन है मेरा शहर ज़बीं सब ख़ैरियत है वादी-ए-सबा कहती है यही रहनुमा! मैं दर-बदर, तू मेरे घर है तो सही उन यादों की गलियों में मौजू है रौनक भी वही ढली शाम! बैठकर हम गीत अब भी कोई सुनते हैं वहीं #toyou#congratulationsdear#feelinghappy#yqgrace#yqfriendship