अच्छा था बचपन में जो हमें कुछ याद नहीं रहता था आज झगड़ते थे और कल भूल जाया करते थे अब याददाश्त थोड़ी-सी पक्की क्या हुई है हमारी ! भुला ही नहीं पाते हम किसी से गिले-शिकवों को ©Durgesh Jayam #dkpatelpoetry #durgeshjayam