कुछ कह गए, कुछ सह गए, कुछ कहते कहते रह गए, इस छुपने छुपाने के खेल में, जाने कितने रिश्ते ङ़ह गए, कुछ समझ गए, कुछ समझा गए, कुछ नासमझी करते रह गए, तूफ़ान की आहट सुनकर ही, कुछ बिन बरसात ही बह गए। #कुछ_रिश्ते #कुछ_बातें_जिन्हें_लफ्ज़_नहीं_मिले #कुछ_यूँही_बेवजह #कुछ #भवी #bhavi #punjabikudi