हमने सोचा तुमसे मिलके सारे गिले, सिखवे दूर करेंगे , शायद तुमको ये मंजूर नहीं माना कि हम साथ नहीं पर दिलसे भी तुम दूर नहीं कभी जो नज़र आजाओ तो खुसबू भी अपनी मिटा देना, वो फ़िज़ा भी हमे अब कबूल नहीं इश्क़ हो या जंग हर चीज़ लाज़मी है पर खुद की नजरों से गिर जाये हमे ये अब मंजूर नहीं चलो जो हुआ सब भूल जाओ खताये हमारी माफ़ करो, तुम भी कोई हूर नहीं, हमे भी अब तू मंजूर नहीं ©Babu Khan #life_bad_chapter_are_closed