$रंडी थी साली$ एक समय था तुम उससे इतनी मोहब्बत करते थे घन्टो फ़ोन पे बाते किया करते थे good morning से good night तक साथ रहते थे आज तुम अपनी मोहब्बत को बदनाम करते हो आज तुम पूरे शहर में बताते फिरते हो की वो रंडी थी साली वो एक पल दूर ना रहे पाना मोहब्बत के नाम पे उसके जिस्म से तुम्हारा खेल जाना मिलने पे हाथ पकड़ के गले से लगाना दोस्तो से छुप के मिलने जाना तुम राजा और वो रानी यही थी कहानी आज तुम बोलते हो वो रंडी थी साली तुम्हें याद नही तुम्हें उसकी खुशियों मंजूर थी तुम उसके और वो तुम्हारे बिना कहा रहेती थी वो तुम से दूर है और तुम उससे दूर हो उससे देख कर खामोस तुम भी खुश रहो खुदा के लिये उसे रंडी थी साली ना कहो (गाली देना मानवता नही है अपने ही प्यार को गाली देना नीचता है)