महताब के आगे तुम्हारी खूबसूरती के कसीदे पढ़े मैंने, आफताब को तुम्हारा नाम लेकर जलाया मैंने। टिमटिमाते सितारों को तुम्हारे आगे कमतर ठहराया मैंने। जास्मिन नरगिस कमल गुलाब क्या, सारे गुलशन को तुम्हारे नाम से सताया मैंने। काश के मैं कोई फरिश्ता होता तो जायज़ होता तुम्हें सजदा करना, एक ख़ुदा और ख़ुदा के बाद तुम्हें मोहतरम पाया मैंने। ~हिलाल हथ'रवी . ©Hilal Hathravi #Mahtab #Aftab #Gulab