यूं नही बातों से हमने आजादी पाई है, भारत मां के वीर सपूत,आजाद,भगत और उद्धम सिंह ने जान गवाई है, यूं नही बातों से हमने आजादी पाई है, सपना आजादी का जो आंखो में लेकर सोता था वो वीर भगत सिंह बचपन से ही बंदूके बोता था, देश की खातिर जिसने हंसते-हंसते फांसी खाई है, यूं नही बातों से हमने आजादी पाई है, था सच्चा सपूत भारत मां का वो जनेऊ धारी चंद्रशेखर नाम था जिसका देश है जिसका आभारी तन से प्राण जुदा हुए दुश्मन की गोली छू ना पाई है यूं नही बातों से हमने आजादी पाई है, भारत मां के जख्मों का निशान मिटाया ना जायेगा उद्धमसिंह का कभी बलिदान भुलाया ना जायेगा दुश्मनों के घर में घुस के दुश्मन को धूल चटाई है, यूं नही बातों से हमने आजादी पाई है, और कितने वीरों का नाम तुमको गिनाऊं मैं उनकी देश भक्ति के आगे शीश अपना झुकाऊं मैं, गर्व है प्रदीप की मैने भारत मां जैसी गोद पाई है, यूं नही बातों से हमने आजादी पाई है, ©Pradeep Kumar #independance day # desh bhakti poem#pradeep #India2021