#OpenPoetry हमने उस शहर में कलेजा निकाल दिया, जहां लोग दिलो से खेलते रहे। शायद हम ही नासमझ थे...... जिन्हें चीखे सुनने की फुरसत नहीं, एक मुद्दत से उन्हें शेर सुनाते रहे। #bazm_e_shayari