चंचल सी शोख मस्त अदाएँ देख कर तेरी भला कौन नहीं दीवाना होगा, हसीं हुस्न के साथ जब सीरत भी खूबसूरत हो कौन नहीं परवाना होगा। काली जुल्फों के बादल तेरे जब लहराए लगे जैसे काली घटाएं छा जाएं, तेरे नाजुक लबों की थिरकती हँसी के पीछे कोई ना कोई अफसाना होगा। नागिन सी पतली बलखाती कमर तेरी ना जाने कितनों की जान लेती है, कांधे से पल्लू ना सरकने देना वरना तेरी जवानी का चर्चा सरेआम होगा। देखा ना करो ऐसे हमको तेरी निगाहों में हमें मय के प्याले नजर आते हैं तेरी निगाहों के मय पीने के लिए जाने कितनों का दिल बेकरार होगा। सादगी से भरा ये रूप तेरा जाने कितनों का चैन और करार छीन लेता है, हर पल तेरा ही दीदार करने को ना जाने कितनों का दिल तड़पता होगा। ♥️ Challenge-709 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।