#मानव_एक_बोझ बना धरती पर, मानव ही बस बढ़ रहें.! संसाधन प्रकृति दी जो, सब मिलकर के लूट रहे.! नही बढ़ी ज़मीन कहीं पर, सागर भी नही हुआ है कम.! मानव बढ़ा है बस धरती पर, दोहन हर चीज़ कर रहा है.! नदियों को अब पाट रहा है, जंगल झाड़ी काट रहा है.! जंगली जानवर पर संकट है, उसको मानव मार रहा है.! आबादी ऐसे ही बढ़ी तो, वो दिन भी अब दूर नही, मानव ही मानव का दुश्मन, होंगे सारे जग में.! #अजय57 #आबादी