शीर्षक - आवो पधारो घर मेरे गणपति -------------------------------------------------------------- (शेर)- तुम्हारी पूजा के बगैर गणपति, कोई काम शुरु नहीं होता है। हर शुभ काम गणपति, तुम्हारी पूजा से ही शुभ होता है।। ------------------------------------------------------------------- आवो पधारो घर मेरे गणपति। सुनकै हमारी विनती तुम गणपति।। आवो पधारो घर-----------------।। सुख- समृद्धि के हो, तुम देवता। बुद्धि और ज्ञान के हो, तुम देवता।। वक्रतुण्ड महाकाय और विघ्नहर्ता। तुम्हारा है स्वागत मेरे घर गणपति।। आवो पधारो घर-------------------।। रिद्धि- सिध्दि- बुद्धि के स्वामी हो तुम। शुभ कार्य से पहले हो, पूजनीय तुम।। सुखकर्त्ता, गणेश्वर और सिद्धिविनायक। सुनो शिव- गौरीपुत्र तुम गणपति।। आवो पधारो घर --------------------।। तुमको पसन्द मोदक- मूषक की सवारी। शुभ- लाभ- संतोषी है, संतान तुम्हारी।। कार्तिक-अय्यप्पा के तुम, छोटे भ्राता। मानो ज्योति- मनसा के बीर गणपति।। आवो पधारो घर------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #आवो पधारो घर मेरे गणपति