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कैसा ये आलम कैसा ये सफ़र है गुज़र रहा , मारे जा रह

कैसा ये आलम कैसा ये सफ़र है गुज़र रहा ,
मारे जा रहे मेरे अपने किसी को कहीं दफनाया जा रहा ।

हमारे वतन के खातिर हमारी शहादत कबूल है,
सियासत की आड़ में बहुत को  है भड़काया  जा रहा।

अना के खातिर जम्हूरियत के तूने जनाजे निकालवादिए ,
मजहब के नाम पर बस्तियों को है जलाया जा रहा।  

आदिल ज़फ़र बख़्श #Struggles #delhiburnt #delhi #delhiisburning #myvoice #new #life unknown boy "Veer" Inayat lee chan Biraj Hazarika Faraz Khan NISAR KHAN. best
कैसा ये आलम कैसा ये सफ़र है गुज़र रहा ,
मारे जा रहे मेरे अपने किसी को कहीं दफनाया जा रहा ।

हमारे वतन के खातिर हमारी शहादत कबूल है,
सियासत की आड़ में बहुत को  है भड़काया  जा रहा।

अना के खातिर जम्हूरियत के तूने जनाजे निकालवादिए ,
मजहब के नाम पर बस्तियों को है जलाया जा रहा।  

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