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ज़माना बीत गया बचपन की अठखेलियां किए हुए, ज़माना

ज़माना बीत गया 

बचपन की अठखेलियां किए हुए,
ज़माना बीत गया,
अक्कड़ बक्कड़ बंबे बो, चिड़िया उड़,
और फिर हाथ लाल किए हुए
ज़माना बीत गया। 
सबसे सब कुछ छुपाने लगे हैं अब,
एक अजनबी सा मुखौटा पहने हैं अब,
वह बचपन की छुपन छुपाई खेले हुए,
ज़माना बीत गया। 

रिश्तो को संभाल कर सपनों का घर बनाने में,
अपनों का साथ पाने में,
जाने वह बचपन का घर-घर खेलना
कहां छूट गया, वो ज़माना बीत गया। 
जिंदगी की छीना झपटी में,
वो नौकरी और तरक्की में,
खो खो, मासूम सा वो खेल, 
कहीं ना कहीं हकीकत बन गया। 

पोशांपा भई पोशांपा डाकिए ने क्या किया?
ठीक था की घड़ी चुराई,
आज के जमाने में मोबाइल के आ जाने से,
वह देर तक बाहर खेले हुए, ज़माना बीत गया। 
वह पड़ोस में किसी के भी घर, बिन बुलाए जाने,
खाना हक से मांग कर, बिना शर्माए खाने, 
खून का रिश्ता ना होकर भी खून का रिश्ता बनाने का,
वो ज़माना था, जाने कहां बीत गया? 

बचपन की अठखेलियां किए हुए,
ज़माना बीत गया। #quotesdidi #collab # zamana beet gya
#chirag
ज़माना बीत गया 

बचपन की अठखेलियां किए हुए,
ज़माना बीत गया,
अक्कड़ बक्कड़ बंबे बो, चिड़िया उड़,
और फिर हाथ लाल किए हुए
ज़माना बीत गया। 
सबसे सब कुछ छुपाने लगे हैं अब,
एक अजनबी सा मुखौटा पहने हैं अब,
वह बचपन की छुपन छुपाई खेले हुए,
ज़माना बीत गया। 

रिश्तो को संभाल कर सपनों का घर बनाने में,
अपनों का साथ पाने में,
जाने वह बचपन का घर-घर खेलना
कहां छूट गया, वो ज़माना बीत गया। 
जिंदगी की छीना झपटी में,
वो नौकरी और तरक्की में,
खो खो, मासूम सा वो खेल, 
कहीं ना कहीं हकीकत बन गया। 

पोशांपा भई पोशांपा डाकिए ने क्या किया?
ठीक था की घड़ी चुराई,
आज के जमाने में मोबाइल के आ जाने से,
वह देर तक बाहर खेले हुए, ज़माना बीत गया। 
वह पड़ोस में किसी के भी घर, बिन बुलाए जाने,
खाना हक से मांग कर, बिना शर्माए खाने, 
खून का रिश्ता ना होकर भी खून का रिश्ता बनाने का,
वो ज़माना था, जाने कहां बीत गया? 

बचपन की अठखेलियां किए हुए,
ज़माना बीत गया। #quotesdidi #collab # zamana beet gya
#chirag