हर कोई चाहता हैं, हर कोई देखता हैं बस सपना। सारी दुनियां मुठ्ठी में हो, हर कोई हो बस अपना।। मां बाप के सपनों को साकार करूं, करूं जग में नाम अपना। कुछ ख़्वाब बनता हकीक़त, कुछ रह जाता हैं सपना।। बहुत कुछ चाह रहती, कुछ पूरा होता कुछ रहता अधूरा। बस इसी में बीतती हैं जिन्दगी, नहीं होता सपना पूरा।। #82Apnirah, सपना, 6 पंक्तियों में लिखिए, समय सीमा - आज रात 9 बजे 23Aug2020 #ourwayofmotive #our_way_of_motive #YourQuoteAndMine